आधारशिला विद्या मंदिर न्यू सैनिक स्कूल में एक दिवसीय कार्यक्रम : स्पोर्ट्स इंजरी: ओवरव्यू एवं प्रिवेंशन
प्रधान संपादक - मनहरण कश्यप
*बिलासपुर:* आधारशिला विद्या मंदिर न्यू सैनिक स्कूल, अपोलो हॉस्पिटल्स एवं बिलासपुर क्रिकेट संघ के संयुक्त तत्वावधान मे अपने तरह का पहला *" स्पोर्ट्स इंजरी ओवरव्यू एवं* *प्रिवेंशन*" पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक कार्यशाला का आयोजन आधारशिला विद्या मंदिर न्यू सैनिक स्कूल में किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में अपोलो के हड्डी रोग एवं स्पोर्ट्स इंजरी विशेषज्ञ डॉ. सूर्यांश नेमा, अतिथि श्री देवेंद्र सिंह ठाकुर (सचिव, जिला क्रिकेट संघ बिलासपुर), विशिष्ट अतिथि अजय जाड़े, विद्यालय के चेयरमैन डॉ. अजय श्रीवास्तव, निदेशक श्री एस.के. जनास्वामी और प्राचार्या श्रीमती जी.आर. मधुलिका की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम की शुरुआत सभी अतिथियों के स्वागत के साथ हुई, जिसके पश्चात् डॉ. सूर्यांश नेमा ने विद्यार्थियों को खेलों के दौरान होने वाली चोटों, उनके कारणों और उनकी सही रोकथाम के बारे में सरल एवं व्यवहारिक तरीके से विस्तार से बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि खेलों में लगने वाली अधिकांश चोटें जैसे क्रैम्प, स्ट्रेन, लिगामेंट इंजरी, ट्विस्टिंग पेन और शोल्डर डिसलोकेशन अक्सर गलत मुद्रा, अचानक झटकों, पर्याप्त वार्म-अप न करने और शरीर में डिहाइड्रेशन के कारण होती हैं। उन्होंने विशेष रूप से “Hydration is the key of body” कहते हुए पानी की पर्याप्त मात्रा लेने पर बल दिया, और बताया कि शरीर में पानी की कमी क्रैम्प का सबसे बड़ा कारण है; इसलिए खिलाड़ियों को दिनभर नियमित रूप से पानी पीना चाहिए। उन्होंने छात्रों को चोट लगने पर अपनाए जाने वाले प्रसिद्ध R.I.C.E. फॉर्मूला Rest, Icing, Compression, Elevation—को विस्तार से समझाया और चेतावनी दी कि यदि दो दिनों से अधिक कोई दर्द बना रहे तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना अनिवार्य है। सत्र के दौरान छात्रों ने अत्यंत उत्साह के साथ प्रश्न पूछे, जिनमें “बिना एक्स-रे के कैसे पता चले कि फ्रैक्चर है?” जैसे जिज्ञासु सवाल भी शामिल थे। इसका उत्तर देते हुए डॉ. नेमा ने बताया कि असहनीय दर्द, सूजन, अंग का असामान्य आकार और हिलाने में असमर्थता स्पष्ट फ्रैक्चर के संकेत होते हैं। कार्यक्रम में चेयरमैन डॉ. अजय श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में छात्रों को अनुशासन, फिटनेस और खेलों में सुरक्षा के महत्व पर बल दिया। वहीं, निदेशक श्री एस.के. जनास्वामी ने कहा कि ऐसे सत्र छात्रों की खेल-जागरूकता को बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें जिम्मेदार खिलाड़ी बनने की दिशा में प्रेरित करते हैं। प्राचार्या श्रीमती जी.आर. मधुलिका ने अपने संदेश में बताया कि विद्यालय विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है और ऐसे कार्यक्रम बच्चों में आत्मविश्वास, जागरूकता एवं खेल भावना को सुदृढ़ बनाते हैं। कार्यक्रम का समापन सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए हुआ। विद्यालय प्रबंधन ने बताया कि भविष्य में भी ऐसे सूचनाप्रद और लाभदायक कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे, ताकि विद्यार्थियों को खेल विज्ञान, स्वास्थ्य और सुरक्षा के व्यावहारिक ज्ञान से निरंतर लाभ मिलता रहे।
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