केंवची की महिलाओं का ऐतिहासिक कदम — नशामुक्त ग्राम अभियान की हुई शुरुआत

केंवची की महिलाओं का ऐतिहासिक कदम — नशामुक्त ग्राम अभियान की हुई शुरुआत

Managing Editor- Manharan Kashyap 

बिलासपुर। ग्राम पंचायत केंवची की महिलाओं ने सामाजिक परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए नशामुक्त ग्राम अभियान की शुरुआत की। सोमवार को पंचायत की सैकड़ों महिलाएं, वार्ड पंचों एवं स्वयं सहायता समूहों की सदस्याओं के साथ पूरे पंचायत क्षेत्र में रैली निकालकर नशामुक्त समाज की मांग को मुखर किया।

रैली के दौरान महिलाओं ने “नशा छोड़ो – परिवार जोड़ो”, “शराब से दूरी, परिवार में खुशहाली” जैसे नारों के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक किया। उन्होंने जगह-जगह रुककर लोगों से बातचीत की और शराब सहित अन्य नशे के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया। महिलाओं ने कहा कि नशे की लत से परिवार टूट रहे हैं, घरेलू हिंसा और अपराध बढ़ रहे हैं तथा आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है।

बैठक में बनी रणनीति

रैली के उपरांत पंचायत भवन में एक सामूहिक बैठक आयोजित की गई। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि यदि गांव में अवैध शराब की बिक्री एवं निर्माण बंद नहीं हुआ तो महिलाएं सामूहिक रूप से पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगी।
महिलाओं ने प्रशासन से अपेक्षा की कि ग्राम को नशे की बुराई से मुक्त कराने के लिए ठोस कार्रवाई की जाए।

महिलाओं की मजबूत भागीदारी

अभियान में प्रमुख रूप से शामिल रही —
अनिता यादव, नंदा देवी, संगीता यादव, देवकी बाई, जलसी यादव, कुसुमलता, सुनीता टेकाम, अनुसुइया, राजमती, सुषमा, ममता अनिता यादव, सुकवरिया, कुसुम बैगा, रामकुमारी, किरण बैगा, राधा, शिवरनिया, प्रेमवती, शियाबाई, तीजा बाई, सावित्री बैगा सहित अनेक महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

बैठक में सभी ने एक स्वर में कहा

 “नशे से कोई सुख नहीं, यह समाज और परिवार दोनों को तबाह करता है।”

महिलाओं ने इस आंदोलन को निरंतर जारी रखने और गांव के प्रत्येक परिवार को इससे जोड़ने का संकल्प लिया।

गांव में बढ़ती हिंसा और अपराध पर जताई चिंता

महिलाओं ने बताया कि हाल के दिनों में ग्राम में अवैध शराब की बिक्री और निर्माण में वृद्धि हुई है, जिससे अपराध, घरेलू हिंसा और पारिवारिक झगड़े आम हो गए हैं। उन्होंने कहा —

 “अब हम चुप नहीं बैठेंगे, नशे को जड़ से खत्म करेंगे।”

महिलाओं की पहल बनी मिसाल

केंवची की महिलाओं की यह पहल अब आसपास के गांवों में भी चर्चा का विषय बन गई है। सामाजिक संगठनों और पंचायत प्रतिनिधियों ने इस अभियान की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण जागरूकता का प्रेरक उदाहरण बताया है।

महिलाओं का संदेश

“हमारे बच्चों का भविष्य तभी सुरक्षित होगा, जब हमारा गांव नशामुक्त होगा। प्रशासन और समाज दोनों को मिलकर इस दिशा में काम करना होगा।

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