शिक्षक दिवस पर "गुरुशिष्य न्यूज़" संपादक- मनहरण कश्यप की ओर से सभी गुरु जनों को सादर प्रणाम

शिक्षक दिवस पर "गुरुशिष्य न्यूज़" संपादक- मनहरण कश्यप की ओर से सभी गुरु जनों को सादर प्रणाम 


बिलासपुर/ 5 सितंबर / शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर मैं  (मनहरण कश्यप) "गुरुशिष्य न्यूज़" अपने संपादकीय कलम से अपने सभी गुरुजनों को हृदय की गहराइयों से प्रणाम करता हूँ। गुरु केवल वह नहीं जो कक्षा में पढ़ाते हैं, बल्कि वे भी हैं जिन्होंने जीवन के किसी मोड़ पर हमें राह दिखाई, हमारे विचारों को दिशा दी और हमें आगे बढ़ने का साहस दिया।

एक पत्रकार के रूप में मेरी यात्रा में जो भी शब्द लिखे गए, जो भी सच्चाई की तलाश की गई, उसके पीछे मेरे गुरुजनों का आशीर्वाद और मार्गदर्शन रहा है। उन्होंने मुझे न केवल शब्दों का प्रयोग सिखाया, बल्कि संवेदनाओं को समझना और समाज की धड़कनों को सुनना भी सिखाया। गुरु का आशीर्वाद ही वह प्रकाश है, जो अज्ञानता के अंधकार को दूर कर ज्ञान, विवेक और सत्य की राह पर आगे बढ़ाता है।

भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य परंपरा को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। यहाँ गुरु को माता-पिता से भी ऊपर माना गया है क्योंकि गुरु ही शिष्य के जीवन को अर्थपूर्ण बनाते हैं। जैसे एक दीपक से हजारों दीप प्रज्वलित होते हैं, वैसे ही गुरु का ज्ञान असंख्य जीवनों को आलोकित करता है।

आज के इस अवसर पर मैं अपने सभी गुरुजनों को नमन करते हुए यही कहना चाहता हूँ कि—
"आपके आशीर्वाद के बिना मैं अधूरा हूँ। आपने ही मुझे कलम की ताकत दी, सच को सच कहने का साहस दिया और समाज के लिए लिखने की प्रेरणा दी।"

सभी शिक्षकों, मार्गदर्शकों और जीवन-पथ प्रदर्शकों को मेरा शत-शत प्रणाम। शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत बधाई।

Post a Comment

0 Comments