रक्तदान से बची ज़िंदगी : समाज के लिए मिसाल बने नंदकुमार चंद्रवंशी
मनहरण कश्यप की खास रिपोर्ट
बिलासपुर। “रक्तदान महादान है” — इस पंक्ति को सही साबित कर दिखाया कुर्मी समाज के आदरणीय नंदकुमार चंद्रवंशी ने। सिम्स अस्पताल में भर्ती गंभीर बीमारी से पीड़ित एक वृद्ध महिला को तत्काल रक्त की आवश्यकता थी। डॉक्टरों ने परिजनों से तुरंत रक्त की व्यवस्था करने को कहा, तभी यह खबर नंदकुमार चंद्रवंशी तक पहुँची।
लगभग 69 वर्ष की उम्र में भी युवाओं जैसी ऊर्जा और उमंग के साथ उन्होंने बिना देर किए स्वेच्छा से रक्तदान किया और महिला की जान बचा ली। उनके इस कार्य ने न केवल पीड़ित परिवार को नई उम्मीद दी, बल्कि पूरे समाज के सामने मानवता और सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।
परिवार ने भावुक होकर कहा – “चंद्रवंशी जी का यह त्याग हम जीवनभर नहीं भूल पाएंगे, उन्होंने हमें हमारे अपने से भी बढ़कर सहारा दिया है।”
👉 यह घटना समाज के लिए एक संदेश है कि रक्तदान से किसी की ज़िंदगी बचाई जा सकती है। उम्र, पद या परिस्थिति कोई मायने नहीं रखती, बस ज़रूरत होती है इंसानियत और हिम्मत की।
🙏 आइए, हम सब भी संकल्प लें – जब भी अवसर मिले, रक्तदान अवश्य करें। यही सच्ची सेवा और सबसे बड़ा दान है।
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