छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने रलिया कोल वॉशरी खुलने का जनसुनवाई में किया कड़ा विरोध ।

छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ने रलिया कोल वॉशरी खुलने का जनसुनवाई में किया कड़ा विरोध ।

Managing Editor- Manharan Kashyap 

बिलासपुर/छत्तीसगढ़ियों के हक अधिकार , रोजी रोजगार,  भाषा संस्कृति के लिए लड़ रहे संगठन छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के बिलासपुर इकाई ने मस्तूरी विधानसभा के भिलाई रलियां गांव में प्रस्तावित कोल वॉशरी का जनसुनवाई में कड़ा विरोध किया है । 

जनसुनवाई में पहुंचे मस्तूरी इकाई प्रमुख प्रदीप साहू ने बताया कि इस फैक्टरी से छत्तीसगढ़ियों को कुछ फायदा नहीं होने वाला है क्योंकि इन लोग हमारी जमीन पर फैक्ट्री खोलेंगे लेकिन रोजगार के लिए स्थानीय आदमी को नहीं बुलाते है , साथ ही उक्त गांव खेती किसानी से जुड़े गांव है जबकि कंपनी लगने से  धूल धक्कड़ , बीमारी बस ही छत्तीसगढ़ियों के हिस्से रह जाएगा।
इस कोल वाशरी का विरोध संबंधित दर्जनों गांव के हजारों छत्तीसगढ़िया लोग कर रहे है जिसे स्वतः संज्ञान लेते हुए हमारे संगठन के सेनानियों ने जनसुनवाई में जाकर विरोध किया।

वही ब्लॉक अध्यक्ष बॉबी पातरे ने बताया कि हमारे विधानसभा में लगातार फैक्ट्री खुलने के कारण इन फैक्ट्री से निकलने वाले राखड़, कैमिकल के कारण कैंसर पीड़ितों के संख्या बढ़ती जा रही है , साथ ही उपरोक्त जगह पर स्कूल , छत्तीसगढ़िया समाज की घनी आबादी है फिर भी यहां के शासन प्रशासन द्वारा वाशरी खुलने के लिए किया जा रहा यह जनसुनवाई बेहद हास्यास्पद और आपत्तिजनक है । 

वही मस्तूरी संयोजक अजय सूर्या ने कहा कि लक्ष्मण मस्तूरिया का जन्म भूमि वाला हमारा विधानसभा खेती बहुल आऊ शांत क्षेत्र है , लेकिन एनटीपीसी सहित कई कारखाना खुलने से खेती का रकबा घटते जा रहा है , खेती को बचाकर भी विकास किया जा सकता है ।
साथ ही उन्होंने बताया कि कारखाना के खुलने से स्थानीय लोग को रोजगार नई मिल पाता जिसके कारण यहां कि डेमोग्राफी भी लगातार बदल रहा है , आज हम छत्तीसगढ़िया लोग अपने ही राज्य में अल्पसंख्यक होने के कगार पर है ,  हम लोग अपने ही राज्य में यहां कि मूल भाषा छत्तीसगढ़ी नहीं बोल पा रहे है । उपरोक्त कारणों से इन गांव के  प्रभावित छत्तीसगढ़िया समाज के साथ हमारा संगठन खड़ा है और बलपूर्वक यह वाशरी खोला गया तो क्रांति सेना अपने तेवर में इन शोषणकर्ताओं के खिलाफ सड़क की लड़ाई लड़ेगी।

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