रतनपुर के गौरवशाली इतिहास को सहेजना जरूरी – डॉ. रमेन्द्र मिश्र, ऐतिहासिक कृति ‘रतनपुर राज्य का इतिहास’ का हुआ विमोचन

रतनपुर के गौरवशाली इतिहास को सहेजना जरूरी – डॉ. रमेन्द्र मिश्र, ऐतिहासिक कृति ‘रतनपुर राज्य का इतिहास’ का हुआ विमोचन

Managing Editor- Manharan Kashyap 

रतनपुर। बाबू प्यारेलाल गुप्त सृजन पीठ द्वारा रतनपुर के इतिहास और संस्कृति पर केन्द्रित व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के प्रख्यात इतिहासकार डॉ. रमेन्द्र मिश्र रहे। उन्होंने अपने उद्बोधन में रतनपुर के गौरवशाली इतिहास एवं समृद्ध पुरातात्विक धरोहर का उल्लेख करते हुए इसके संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया।

यह आयोजन छत्तीसगढ़ के महान साहित्यकार एवं इतिहासकार बाबू प्यारेलाल गुप्त की 134वीं जयंती के अवसर पर किया गया। समारोह की अध्यक्षता रायपुर के वरिष्ठ पुरातत्ववेत्ता डॉ. जी. एल. रायकवार ने की। उन्होंने कंठी देवल मंदिर में उत्कीर्ण लिंगोद्भव शिव प्रतिमा तथा हाथीकिले में निर्मित रावण की प्रतिमा के शिल्पांकन पर विस्तार से व्याख्यान दिया।

विशिष्ट अतिथि के रूप में बिलासपुर के वरिष्ठ साहित्यकार विजय कुमार गुप्ता ने रतनपुर के मंदिरों और तालाबों के महत्व को रेखांकित किया। वहीं डॉ. सुनील जायसवाल ने कल्चुरी राजवंश के इतिहास को सहेजने हेतु सामाजिक स्तर पर भी प्रयास किए जाने की आवश्यकता जताई। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई। स्वागत भाषण सृजन पीठ के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र कुमार वर्मा ने दिया।

ऐतिहासिक कृति का विमोचन

समारोह में डॉ. रमेन्द्र मिश्र एवं डॉ. जी. एल. रायकवार ने बाबू प्यारेलाल गुप्त द्वारा वर्ष 1944 में लिखित तथा सृजन पीठ द्वारा प्रकाशित ऐतिहासिक कृति ‘रतनपुर राज्य का इतिहास’ का विमोचन किया।

अतिथियों का सम्मान

इस अवसर पर डॉ. रमेन्द्र मिश्र को ‘छत्तीसगढ़ इतिहास गौरव सम्मान’ तथा डॉ. जी. एल. रायकवार को ‘छत्तीसगढ़ पुरा गौरव सम्मान’ शाल, श्रीफल और अभिनंदन पत्र भेंटकर प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन ब्रजेश श्रीवास्तव ने किया।

दूसरे चरण में कवि सम्मेलन

समारोह के दूसरे चरण में आंचलिक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें वरिष्ठ कवि जगतारन डहरे, विजय कुमार गुप्ता, मदन सिंह ठाकुर, पूर्णिमा तिवारी, विपुल तिवारी, चंद्र प्रकाश साहू, ज्योति श्रीवास, गया प्रसाद साहू, मोहित साहू, दशरथ मतवाले, व्यास सिंह गुमसुम, काशीराम साहू, डॉ. राजेन्द्र कुमार वर्मा, रामरतन भारद्वाज, रामानंद यादव, दिनेश पांडेय, रामेश्वर सिंह शांडिल्य, प्रमोद कश्यप और ब्रजेश श्रीवास्तव ने अपनी कविताओं, गीतों और गज़लों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम में वरिष्ठ शिक्षाविद शंकरलाल पटेल, बलराम पांडेय, अनिल शर्मा, राकेश निर्मलकर, श्रीमती अनुसुईया गुप्ता, मुकेश श्रीवास्तव, भानुप्रताप कश्यप सहित बड़ी संख्या में नागरिक और महिलाएं उपस्थित थीं।

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