तिलकडीह स्कूल के बच्चे कर रहे हैं शोध, बन रहे हैं नन्हे इतिहासकार।

तिलकडीह स्कूल के बच्चे कर रहे हैं शोध, बन रहे हैं नन्हे इतिहासकार।
रतनपुर से ताहिर अली की रिपोर्ट

Managing Editor- Manharan Kashyap 

रतनपुर....राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 टास्क नंबर 207 के तहत अनुभव आधारित शिक्षा के अंतर्गत कक्षा पहली से 12वीं तक के  बच्चों को अपने क्षेत्र , विद्यालय या आसपास के गांव का इतिहास  लिखने का कार्य पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 

छत्तीसगढ़ समग्र शिक्षा ने सभी शिक्षकों को बच्चों से यह कार्य करने एवं उन्हें अपनी संस्कृति, विरासत ,धरोहर के प्रति संरक्षण ,सम्मान एवं अपनापन की भावना को विकसित करने हेतु इतिहास लेखन कार्य सीखने को निर्देशित किया गया है।

समग्र शिक्षा  तिलकडीह विकास खंड कोटा जिला बिलासपुर के उत्कृष्ट शिक्षक बलदाऊ सिंह श्याम के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अपने विद्यालय में लागू करते हुए प्राथमिक शाला के बच्चों को इतिहास लेखन का गुर सीखा रहे हैं। इतिहास क्यों ,कब और कैसे लिखा जाता है।
इस पर कक्षा में चर्चा करने के बाद
इतिहास लिखने में प्रमाणिक तथ्यों के लिए अपने शाला के बच्चों के साथ समुदाय में जाकर बड़े -बुजुर्गों से अपने गांव तिलकडीह गांव के बसाहट कैसे हुआ?
किनका योगदान था?
किस सन की बात थी?

पहले और अब में क्या अंतर है। यह सब गांव वालों के बीच परिचर्चा कर रहे हैं और उनकी बातों को सुनकर बच्चे अपने कॉपी में लिख रहे हैं।

जिस गांव में वह रहते हैं उसे गांव के बारे में बच्चों को रोचक जानकारी मिल रही है जिससे बच्चों में जिज्ञासा उत्पन्न हो रही है और समुदाय  से रोचक जानकारी,
प्रमाणिक तथ्यों को  पाकर आनंद का अनुभव कर रहे हैं।
अब तक शेर -भालू की कहानी सुनी थी।अपने गांव की कहानी सुनकर बच्चों को मजा आ रहा है, बच्चे अपनी टूटी फूटी भाषा में इतिहास लिख रहे हैं।शिक्षक बलदाऊ सिंह श्याम बच्चों को हर क्षेत्र में दक्ष करने का प्रयास करते हैं।सभी कौशल में बच्चे पारंगत हो, यही उनकी मंशा रहती है।शिक्षक  का मानना है कि पता नहीं कब कौन सा कार्य बच्चों के जीवन का टर्निंग प्वाइंट हो,और वो जीवन में सफल हो जाये।इसी सोच को लेकर बच्चों को नन्हे इतिहासकार बनने का हौसला बुलंद कर रहे हैं।

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